मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

गौरीकुंड के व्यापारियों ने किया 20 मई को बंद का ऐलान यह है कारण

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गौरीकुंड के व्यापारियों ने किया 20 मई को बंद का ऐलान
प्रशासन की व्यवस्था से व्यापारियों में बना है आक्रोश
दोपहर दो बजे बाद तीर्थयात्रियों को नहीं भेजा जा रहा गौरीकुंड
गौरीकुंड में है छः हजार श्रद्धालुओं के लिए रहने की व्यवस्था
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड के व्यापारियों ने 20 मई को बंद का ऐलान किया है। व्यापारियों का कहना है कि गौरीकुंड में छः हजार तीर्थयात्रियों की रहने की व्यवस्था है, मगर प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों को दोपहर दो बजे बाद गौरीकुंड नहीं भेजा जा रहा है। व्यापारी सुबह निकलकर सीधे केदारनाथ धाम को जा रहे हैं, जिस कारण रात के समय उनके होटल, लाॅज खाली पड़े रहते हैं और उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में गौरीकुंड के समस्त व्यापारियों में प्रशासन की व्यवस्था से आक्रोश बना हुआ है।
बता दें कि केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड में मां पार्वती का गौरा माई मंदिर है, जहां पर श्रद्धालु गर्म कुंड में स्नान करने के बाद बाबा केदार की यात्रा शुरू करते हैं। गौरीकुंड के व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से हर दिन दोपहर दो बजे बाद तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में रोका जा रहा है, जिससे गौरीकुंड का व्यापार ठप पड़ा है। यहां पर रहने के लिए छः हजार तीर्थयात्रियों की व्यवस्था है, बावजूद इसके प्रशासन सोनप्रयाग में यात्रियों को रोककर उन्हें बाहर सोने के लिए मजबूर कर रहा है। जिस कारण समस्त व्यापारियों ने बीस मई को बंद का निर्णय लिया है।
गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि कोरोना महामारी के दो साल बाद यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकंुड के व्यापारियों को ही रोजगार नहीं मिल पा रहा है। छः मई को बाबा केदार के कपाट खुल गये थे और तब से लेकर आज तक गौरीकुंड में बिजली व पानी की व्यवस्था को ठीक नहीं किया गया है। आये दिन गौरीकुंड में लो-वोल्टेज की समस्या से व्यापारी परेशान रहते हैं, जबकि पानी की किल्लत भी बनी रहती है। यहां पर प्रशासन की कोई भी उचित व्यवस्था नहीं की गयी है और तो और दोपहर दो बजे बाद तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड नहीं भेजा जा रहा है। गौरीकुंड में छः हजार के करीब तीर्थयात्रियों के रहने की व्यवस्था है, जबकि सोनप्रयाग में हजारों की संख्या में तीर्थयात्री रह रहे हैं और रात के समय उन्हें रहने की व्यवस्था नहीं होने पर बाहर सोना पड़ता है। कहा कि तीर्थयात्री सुबह सोनप्रयाग से निकलकर सीधे केदारनाथ धाम को जा रहे हैं और दोपहर दो बजे श्रद्धालुओं को गौरीकुंड नहीं भेजा जा रहा है। प्रशासन की इस व्यवस्था से गौरीकुंड के व्यापारियों में खासा आक्रोश बना है और व्यापारियों ने बीस मई को बंद का ऐलान किया है। यदि प्रशासन ने दो दिनों के भीतर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों का बंद रखेंगे और घोड़ा-खच्चर तथा डंडी-कंडी संचालक व्यापारियों के समर्थन में यात्रा का संचालन नहीं करेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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