मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

Pithoragarh ।। अलगड़ा में 10 लाख की चोरी का 8 माह बाद भी नहीं हुआ खुलासा

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पिथौरागढ़। देवलथल क्षेत्र के अलगड़ा में शिक्षक के घर से 10 लाख से अधिक चोरी का 8 माह बाद भी पुलिस खुलासा नहीं कर सकी है। पुलिस के हाथ खाली हैं और शिक्षक परेशान। वहीं पुलिस अब भी विवेचना जारी होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।

मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। देवलथल के अलगड़ा में बीते वर्ष 19 सितंबर को रात में चोरों ने सेवानिवृत्त शिक्षक त्रिलोक चंद्र भट्ट के घर पर धावा बोला। चोरों ने पहले मुख्य दरवाजे का ताला तोड़ा। इसके बाद भीतर रखी अलमारी का लॉकर तोड़ उसमें रखे 10 तोले सोने के आभूषण लेकर रफ्फूचक्कर हो गए।

सुबह मामले का पता चलने पर शिक्षक की पत्नी ने थल थाने में तहरीर दी। लेकिन आठ माह का लंबा समय बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अब भी आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं। शिक्षक दंपति कई बार आरोपी का पता लगाने की गुहार लगाते हुए थाने के चक्कर काट चुके हैं। बावजूद इसके उन्हें विवेचना जारी होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया जाता है। मामले को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

शिक्षक त्रिलोक चंद्र भट्ट ने कहा पुलिस लंबे समय से चोरी का खुलासा नहीं कर सकी है। आरोपी बेखौफ घूम रहे हैं। कहा अगर इस तरह के मामलों में आरोपी पकड़ में नहीं आए तो भविष्य में चोरी की घटनाएं अधिक सामने आएंगी और इस तरह के कृत्य करने वालों के हौसले बुलंद होंगे।

फिंगर प्रिंट लेने से भी नहीं बना काम

घटना सामने आने के बाद पुलिस ने जल्द आरोपियों को पकड़ने के दावे किए थे। तब खोजी कुत्ते भी गांव तक पहुंचाए गए। फिंगर प्रिंट लेकर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की गई। लेकिन अब भी पुलिस की कार्रवाई विवेचना से आगे नहीं बढ़ सकी है।

मामले में आरोपी की खोजबीन जारी है। विवेचना चल रही है। कोशिश है कि जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके।  

 (हीरा सिंह डांगी, थानाध्यक्ष, थल)

RNS/DHNN

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