मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

Uttarakhand । राजकीय इंटर कॉलेज में करीब 30 छात्र-छात्राएं बीमार, आंख व नाखून पीले पड़ने के साथ ही उल्टी की शिकायत

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उत्तरकाशी : जिले में पुरोला के विकासखंड मोरी के राजकीय इंटर कॉलेज टिकोची में करीब 30 छात्र-छात्राएं बीमार हो गए हैं। सप्ताहभर से छात्र-छात्राएं आंख व नाखून पीले पड़ने के साथ उल्टी की शिकायत कर रहे हैं।

सूचना पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आराकोट के चिकित्सकों ने विद्यालय पहुंचकर बीमार छात्रों की जांच कर उनका प्राथमिक उपचार किया है। उन्होंने अधिकांश छात्र-छात्राओं के पीलिया होने की आशंका जताई है। 

सीमांत विकासखंड मोरी के आपदाग्रस्त बंगाण क्षेत्र के राजकीय इंटर कालेज टिकोची में एक सप्ताह से छात्र-छात्राएं आंख व नाखून पीले पड़ने के साथ ही उल्टी की शिकायत कर रहे हैं। सूचना पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आराकोट से डा. मयंक जुवांठा ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ विद्यालय पहुंचकर छात्र-छात्राओं की जांच की।

डॉक्टर मयंक जुवांठा ने बताया कि विद्यालय में करीब आठ बच्चों में पीलिया के लक्षण व सात बच्चों में पेट दर्द की शिकायत सामने आई है। उन्होंने बताया कि सभी छात्र-छात्राओं से जांच करने को कहा गया है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी का सही पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालय के सभी बीमार छात्र-छात्राओं को प्राथमिक उपचार दिया गया है। प्रधानाचार्य महेंद्र चौहान ने बताया कि विद्यालय में करीब तीस छात्र-छात्राएं बीमारी की शिकायत सामने आई है।

बताया कि विद्यालय में पीने का पानी पाइप लाइन से ही आता है। सभी छात्र-छात्राएं सहित शिक्षक उसी पानी को पीते हैं।

 

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