मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

मंत्री रेखा आर्या ने मुख्यमंत्री को भी किया दरकिनार, होर्डिंग बैनर से सीएम की तस्वीर गायब

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उत्तराखंड में अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा के आरोप लगाते रहे हैं। अब खुद मंत्री भी मुख्यमंत्री को दरकिनार करने में जुट गए हैं। प्रदेश की युवा एवं महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय प्रचार-प्रसार में मुख्यमंत्री धामी की तस्वीर को गायब कर खुद को सीएम से बड़ा साबित करने की कोशिश की है। मंत्री रेखा आर्या पर पहले भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों की अवहेलना करने के आरोप लगते रहे हैं। इसके अलावा मंत्री रेखा आर्या पर अधिकारियों के साथ तनातनी करने के भी आरोप लगाते रहे हैं। कई अधिकारियों ने पूर्व में मंत्री रेखा आर्या के साथ कार्य करने से इनकार भी किया है ऐसी भी खबरें आती रही हैं। पूर्व में आपदा के वक्त मुख्यमंत्री धामी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि जिन मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंप गई है वह वहां पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लें, लेकिन उस वक्त जब प्रदेश आपदा से जूझ रहा था मंत्री रेखा आर्या बरेली में कार्यक्रम करा रही थी। इसके साथ ही उन्होंने विभाग के तमाम अधिकारियों को भी उस वक्त बरेली में बुलाया था। इस मामले में जहां एक को कांग्रेस में मंत्री पर कटाक्ष किया है तो वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता इस पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने तो इस मामले को बीजेपी में अंदरुनी वर्चस्व की बात कही है तो वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजकुमार पुरोहित इस विषय में साफ-साफ कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।

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