मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रावधानों को लागू करने की पूरी तैयारी है

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रावधानों को लागू करने की पूरी तैयारी है

मुख्यमंत्री धामी ऐलान कर चुके हैं कि अक्टूबर में प्रदेश में इसे लागू कर दिया जाएगा

यूसीसी की नियमावली बनाने के लिए गठित रूम मेकिंग कमेटी* ने इसके लिए सभी अध्ययन कर लिए हैं

 

*आज़ यूसीसी नियमावली के कई बिंदु सार्वजनिक किये जाएंगे इसकी 400 पन्नों की रिपोर्ट लोगों के बीच रखी जाएगी। ताकि इसके बारे में सभी को जानकारी मिल सके

बता दे कि
यूसीसी के प्रावधानों के अध्ययन के लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में 9 सदस्य कमेटी का गठन किया था

कमेटी ने आवश्यक नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है जिसको आज लोगों के सामने सार्वजनिक किया जाएगा

पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह आज़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सार्वजनिक करेंगे

इस दौरान इसमें कमेटी की सदस्य सुरेखा डंगवाल, अजय मिश्र,अमित सिन्हा, मनु गौड़ समेत कई लोग मौजूद रह सकते है

जानकारी है कि आज सभी धर्म और समाज के लोगों को भी बुलाया गया है
ताकि सभी को यूसीसी के नियमों और प्रावधानों के बारे में बताया जा सक

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है

फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी को विधेयक का रूप दिया गया था

जिसे अनुमति के लिए पहले राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति को भेजा गया। राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार ने नियमावली बनाने के लिए समिति का गठन किया
समिति ने अपना पूरा काम कर लिया है। जिसे अब कानून का रूप देकर अक्टूबर में लागू किया जाएगा

यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत उत्तराखंड में शादी, तलाक,बच्चा गोद लेना,उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानून पूरी तरह से बदलाव किए गए है। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी इसमें जिक्र किया गया है। लेकिन इसे यूसीसी में शामिल नहीं किया गया। यह तमाम बिंदु ऐसे हैं जिनको समझने के लिए रिपोर्ट को आज सार्वजनिक करना हैताकि लोगों के समझ में उस के प्रावधान आ सके

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