मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

वफ्त बोर्ड की जमीन पर कब्जा नहीं छुड़ा पाए तो देंगे इस्तीफा शादाब शम्स

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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है, दरअसल बोर्ड की संपत्ति पर हो रहे अवैध कब्जों को देखते हुए शादाब शम्स ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वह वक्त बोर्ड की संपत्ति को खाली नहीं करा पाए तो, वह पद से इस्तीफा दे देंगे।। दरअसल रुड़की कलियर शरीफ में 200 बीघा से ज्यादा भूमि पर हुए कब्जे के मामले में शादाब शम्स लगातार सरकार और शासन के स्तर पर अपनी बात रखते आ रहे हैं उन्होंने कहा कि मामले में कमजोर पैरवी के चलते उक्त भूमि पर मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा कब्जा किया गया है जिस पर केंद्रीय कानून मंत्री से भी संबंधित मामले में पुनर्विचार की मांग रखी जायेगी जिससे संबंधित मामले पर कोर्ट में पुनर्विचार हो सके।। रुड़की कलियर शरीफ में किए गए जमीन पर कब्जे के मामले में अब मुस्लिम धर्मगुरु और मुस्लिम समुदाय के लोग आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं । वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने दवा क्या है कि भूमि के मामले में 10000 से ज्यादा लोग मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को अपने खून से पत्र लिखेंगे जिससे मामले की गंभीरता का पता चल सके और अवैध कब्जा धारियों पर कार्रवाई हो सके।

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है यह गंभीर मामला है वफ्त बोर्ड के चेयरमैन वफ्त बोर्ड की जमीनों को बचाने का प्रयास कर रहे है सरकार को उनका सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा अगर उनका सहयोग नहीं किया जा रहा है तो इसकी निष्पक्ष रुप से जांच होनी चाहिए।

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