मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने गश्त बढ़ाई यह है कारण

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नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने गश्त बढ़ाई यह है कारण
विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी नेशनल पार्क में जैव विविधता और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने अपनी गश्त बढ़ा दी है,। पार्क कर्मियों द्वारा  गस्त को तेज करते हुए क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों कुंठ खाल,टिपरा ग्लेशियर के ऊपर से पेट्रोलिंग की जा रही है जिससे कि वन्य जीव और वहां पर पाई जाने वाली जड़ी बूटियों की सुरक्षा में कोई भी सेंध ना लगा सके पार्क प्रसाशन की ओर से फूलों कि घाटी  नेशनल पार्क में भेजे गए 5 सदस्यीय दल ग्लेशियर से ढके घाटी के 13,500 फिट पर अति संवेदनशील उच्च हिमालयी क्षेत्रों कुंठ खाल टिपरा खर्क से पेट्रोलिंग कर सकुशल गोविंदघाट रेंज कार्यालय वापस लौट आया है। गश्ती दल नें बताया की अभी भी घाटी के संपर्क मार्ग पर एक दो जगह ग्लेशियर पसरे है, इस सीजन में पहली बार पार्क कर्मियों द्वारा बन्य जीव तस्करों और दुर्लभ जड़ी बूटियों के तस्करों पर नजर रखने के लिए साढे तेरह हजार फिट से उपर कुंठ खाल और टिपरा खर्क तक की लंबी दूरी की गश्त की है, बता दें की 1जून को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क और फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोला जाना था, लेकिन कोरोना के कारण दोनों राष्ट्रीय उद्यान बंद पड़े हैं, जिससे यहां वन्य जीवों की तस्करी की आशंका बनी हुई है। इसलिए पार्क प्रबंधन घाटी में अलर्ट मोड पर है,।
 रिपोर्ट.. पुष्कर सिंह नेगी चमोली
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