मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

तिरंगा रैली और विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या

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14 अगस्त को कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने अल्मोड़ा में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने देश के बंटवारे को अमानवीय दंश बताते हुए, इस से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को सिर झुका कर नमन किया। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि भारत का विभाजन एक पाप था और इसके लिए जिम्मेदार रहे लोगों-नेताओं को, देश की भावी पीढ़ी कभी माफ़ नहीं करेगी। उन्होंने इस दिवस को मनाने की परंपरा शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी का भी आभार प्रकट किया।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम से पहले काबीना मंत्री एक विशाल तिरंगा यात्रा में भी शामिल हुईं। इस दौरान पूरा क्षेत्र वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। मजखाली में आयोजित तिरंगा यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और कॉलेज के छात्र भी शामिल हुए। देशभक्ति से ओत-प्रोत लोगों ने माननीय मंत्री जी के नेतृत्व में, आजीवन तिरंगे की यश को बढ़ाने का संकल्प लिया।

 

इस से पूर्व कैबिनेट मंत्री, मजखाली के ही अंतर्गत आने वाले कवाली गांव में चल रही पवित्र श्रीमद् भागवत कथा में भी शामिल हुईं और कथा का अनुश्रवण किया।मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इस कथा में शामिल होना मेरा सौभाग्य है और कथा का एक-एक शब्द आत्मिक शांति प्रदान करते हुए हमें प्रभु में लीन होने का अवसर देता है। इसके पश्चात उन्होंने गांव में पौधरोपण कर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को भी आगे बढ़ाया

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