मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

यूपी – उत्तराखंड के बीच होने लगा संपत्ति का बंटवारा अब किसाऊ बांध परियोजना में भी होगा हिमाचल – उत्तराखंड का साथ

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिवहन निगम की परिसम्पत्तियों की अवशेष एक सौ करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को उपलब्ध कराने के लिये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवशेष धनराशि रू. 100 करोड़ की धनराशि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को भुगतान कर दिये जाने से दोनो राज्यों के परिवहन निगम के मध्य आस्तियों के विभाजन की समस्या का समाधान हुआ है। इससे उत्तराखण्ड परिवहन निगम को अपनी अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी।

 

किसाऊ परियोजना: दो पर्वतीय राज्य उत्तराखंड और हिमाचल के सीमा क्षेत्र से जुड़े टोंस नदी में प्रस्तावित है बहुउद्देशीय किसाऊ बांध परियोजना।। लंबे समय से दोनो ही राज्यों के बीच किसी न किसी मुद्दे को लेकर आम सहमति बनती नजर नही आ रही है। लेकिन अब जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अन्य राज्यो के साथ लंबित मुद्दो को लेकर चर्चा कर रहे है। उम्मीद है कि किसाऊ परियोजना का मामला भी जल्द धरातल पर आकर लेगा।

 

1379 मिलियन यूनिट बिजली का सालाना होगा उत्पादन

 

660 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना के निर्माण की जद में उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के नौ गांव और हिमाचल के आठ गांव आ रहे हैं। इस परियोजना से 1379 मिलियन यूनिट बिजली का सालाना उत्पादन होगा। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर-प्रदेश और राजस्थान को सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्ति होगी।

 

किसाऊ बांध परियोजना को सुरक्षित बनाने के लिए कार्यदाई संस्था उत्तराखंड जल विद्युत निगम लि. (यूजेवीएनएल) केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की गाइड लाइन के अनुसार दोबारा से एडिशनल सर्वे करा रही है। राज्य में बिजली की कमी को दूर करने के साथ राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण माने जाने वाली किसाऊ बांध परियोजना में उत्तराखंड और हिमाचल राज्य की बराबर हिस्सेदारी है।

 

केंद्र सरकार 90 प्रतिशत धन निवेश करेगी

 

करीब 7200 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत धन निवेश करेगी। पांच-पांच फीसद दोनों राज्यों को निवेश करना होगा। सरकार ने वर्ष 2008 में किसाऊ बांध को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर इसकी डीपीआर नए सिरे से बनाने को स्वीकृति दी, जबकि इससे पूर्व वर्ष 1985 में इसकी पहली डीपीआर बनाई गई थी।

 

जून 2015 में हिमाचल और उत्तराखंड सरकार के बीच अनुबंध हुआ था: दोनों राज्य के कुल 17 गांवों की करीब साढ़े पांच हजार ग्रामीण आबादी भी इस परियोजना से प्रभावित होगी। 660 मेगावाट क्षमता की किसाऊ बांध परियोजना के प्रस्तावित बैराज स्थल मैलोथ के संभर-मोहराड़ खेड़ा से अटाल के बीच करीब 32 किमी लंबी झील बनेगी। इसके लिए 2950 हेक्टेअर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।

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