मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

चम्पवात की घटना पर शिक्षा मंत्री ने जताया दुःख

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विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने चम्पावत जनपद के पाटी ब्लॉक के राजकीय विद्यालय की घटना पर दुःख व्यक्त करते हुये विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किये। उन्होंने प्रदेशभर में जर्जर हो चुके विद्यालयी भवनों का जनपदवार सर्वे करा कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सके।

 

बुधवार को चम्पावत जिले की पाटी ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय मौनकांडा में शौचालय की छत गिरने से एक छात्र की दुःखद मृत्यु हो गई थी। जिसकी सूचना मिलते ही विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 रावत ने सचिव शिक्षा रविनाथ रमन को भविष्य में इस तरह की घटना रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेशभर में जीर्ण-शीर्ण विद्यालयी भवनों का सर्वे करा कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय, साथ ही जो भवन मरम्मत योग्य हैं उनकी डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को प्रस्ताव भेजा जाय। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने उक्त घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद अधिकारियों ने मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुये बुधवार को ही समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर जीर्ण-शीर्ण भवनों के ध्वस्तीकरण के निर्देश जारी कर दिये। विभागीय की ओर से महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने अपने आदेश में प्रदेशभर के जीर्ण-शीर्ण भवन जो निष्प्रयोज्य हो चुके हैं का चिन्हिकरण कर ध्वस्त करने व ऐसे भवनों का उपयोग न करने को कहा है। ऐसे भवनों को आपदा की श्रेणी में मानते हुये तत्काल ध्वस्तीकरण करने को कहा गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटना को रोका जा सके। महानिदेशक ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इससे पूर्व भी समय-समय पर जर्जर भवनों को उपयोग में न लाने के निर्देश दिये जाते रहे हैं इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं घटित होना कहीं न कहीं विद्यालय प्रशासन की लापरवाही प्रतीत होती है। उन्होंने पत्र में छात्र-छात्राओं को सुरक्षित भवनों में बिठाने और विद्यालय परिसर में स्थित पेड़, बिजली की तार व ट्रांसफार्मर से छात्रों को दूर रखे जाने के निर्देश भी जारी किये हैं।

 

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