मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं पर सचिवालय संघ में नाराजगी राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को नही मिल रहा लाभ

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उत्तराखंड के राज्य कर्मचारियों में गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं को लेकर काफी नाराजगी बनी हुई है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के खिलाफ राज्य कर्मचारी एक बार फिर मोर्चा खोलने की तैयारी में है।

राज्य सरकार की कर्मचारियों और पेंशनर्स के इलाज के लिए गोल्डन कार्ड की नीति पर कर्मचारी लगातार सवाल उठा रहे हैं। कार्ड बनवाने के साथ ही वेतन और पेंशन से कटौती के बावजूद इलाज की सुविधा नहीं मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। राज्य कर्मचारी महासंघ और उनके सहयोगी प्रमुख संगठनों ने सरकार से खामियों को दुरूस्त करते हुये इसे सीजीएचएस की तर्ज पर संचालित कराये जाने का निर्णय कराया था। स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर महासंघ के साथ बैठक के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को आवश्यक निर्देश भी दिये जाते रहे हैं। लेकिन अभी भी गोल्डन कार्ड की योजना के संचालन में व्याप्त अव्यवस्थाओं एवं खामियों को दुरुस्त नहीं किया गया है। अब उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र भेजा गया है। जिसमे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से कार्मिकों के हितों की अनदेखी और उपेक्षा का जिक्र करते हुये मासिक अंशदान के उपरान्त भी कार्मिक-शिक्षक, पेंशनर्स के साथ किये जा रहे छलावे पर नाराजगी जताई गई है।

 

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