मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

क्या है सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही इस फोटो की सच्चाई पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बयां करता किशोरी के हाथ में बधा गत्ता

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रिखणीखाल। सोशल मीडिया में एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है। इस फोटो में एक किशोरी के हाथ की हड्डी टूटने पर गत्ते से सपोर्ट दे रखी है। जिसके बाद इस फोटो पर तमाम तरह के कमेंट आ रहे हैं। आम जनमानस इस तस्वीर के बाद राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सोशल मीडिया में जमकर अपनी बात रख रहा है। सोशल मीडिया के तमाम तरह के कमेंट पर गौर करें तो लोग कह रहे हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बयां कर रहा है किशोरी के हाथ में बंधा गत्ता। बहुत से लोग अस्पताल व डॉक्टर की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं लेकिन किसी ने इसके पीछे की असली वजह जानने की कोशिश नहीं की। आइये बताते हैं इस पूरे मामले में क्या हुआ था..?

जी हां नैनीडांडा ब्लाक के अंतर्गत ग्रामसभा डांडातोली के ग्राम पोखार निवासी एक किशोरी के हाथ में बंधे गत्ते की सपोर्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी। सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं तो मुहैया करवा दी, लेकिन इन सुविधाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए संबंधित जानकारों की तैनाती करना भूल गई। पोखार निवासी इस किशोरी के हाथ की हड्डी टूट गई थी व नजदीकी चिकित्सालय में एक्स-रे टैक्नीशियन न होने के कारण किशोरी के हाथ पर गत्ता बांध उसे कोटद्वार रेफर करना चिकित्सक की मजबूरी बन गई।

प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत करीब 80 ग्रामसभाओं के साथ ही इस ब्लाक से सटे नैनीडांडा ब्लाक के कई गांव को रिखणीखाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन इस केंद्र में सुविधाओं की बात करें तो चिकित्सालय स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। कुछ माह पूर्व शासन ने चिकित्सालय में एक्स-रे मशीन तो रखवा दी, लेकिन आज तक इस मशीन के संचालन के लिए विशेषज्ञ की तैनाती नहीं की गई है। नतीजा, एक्स-रे मशीन होने के बावजूद ग्रामीणों को एक्स-रे करवाने के लिए करीब सौ किमी. दूर कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में आना पड़ता है।

ग्राम पोखार निवासी किशोरी के हाथ में बंधे गत्ते को देख जब चिकित्सालय प्रशासन से इसका कारण पूछा गया तो चिकित्सक डा.तान्या ने पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी। डा.तान्या ने बताया कि किशोरी के हाथ का एक्स-रे होने के बाद ही प्लास्टर किया जाना था, लेकिन एक्स-रे टैक्निशियन न होने के कारण एक्स-रे नहीं हो पाया। किशोरी के हाथ में पट्टी बांध उसे कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया। सफर के दौरान हाथ हिलने से टूटी हड्डी हाथ को अधिक नुकसान पहुंचा सकती थी, इस कारण पट्टी के बाहर गत्ता बांध हाथ को सपोर्ट दिया गया।

 

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