मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

टिहरी विस्थापितों को न्याय दिलाने की हरीश रावत ने मांग उठाई

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रेस से वार्ता करते हुए टिहरी विस्थापितों की समस्याओं को उठाया उन्होंने कहा 42 वर्षों बाद भी यह लोग जिस भूमि में बसे हैं उसका अभी तक उन्हें भूमिधर अधिकार नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के भाग 1 2 3 4 में बसे विस्थापितों की तीसरी पीढ़ी भी मारी मारी फिर रही है। उन्होंने कहां की 2016 में तत्कालीन सरकार ने मालिकाना हक दिए जाने के निर्देश जारी किए थे और पत्रावली तैयार करवाई गई थी लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई, उन्होंने कहा कि वन विभाग ने अपनी ओर से सर्वेक्षण कराया था लेकिन इस तथा कथित सर्वेक्षण में टिहरी विस्थापितों के पास आबंटित 912 एकड़ भूमि की बजाय 968 एकड़ भूमि पर कब्जेदार बताई जाने के बाद सारे मामले को उलझाया गया, उन्होंने इसे निंदनीय बताया है। उन्होंने वन विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण और उसके निष्कर्ष को वापस लिए जाने की मांग उठाई है,और कहा कि टिहरी विस्थापितों को न्याय नहीं मिला तो वह 1 फरवरी को 12:00 बजे गांधी पार्क में 1 घंटे का मौन व्रत रखकर अपना विरोध दर्ज कराएंगी।

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