मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने सरकार पर दिया यह बड़ा बयान

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बीते दिन उधम सिंह नगर में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हालांकि, उस दौरान हरीश रावत को काफी छोटे भी लगी थी। उसके बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने वाली सुरक्षा को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस सवाल उठा रहीं है। इसी क्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने अपने हत्या की भी आशंका जताई है। दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता की। इस दौरान एलआईयू ने प्रेसवार्ता को न सिर्फ पूरा रिकॉर्ड किया बल्कि तमाम कागजों के भी फोटो ले लिए। जिसपर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने सरकार के इरादों पर सवाल खड़े किए।

वही, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने कहा कि राजनीति में चुनाव तक सारी चीजे ठीक है। लेकिन चुनाव से पहले और बाद में आपसी संबंध ठीक होने चाहिए। एक तरह तो सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए जो पूर्व मुख्यमंत्री है उनकी एस्कॉर्ट मिली हुई है, वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल रही है और सरकारी गाड़ियां उनके साथ चल रही है। तो वही, दूसरी ओर हरीश रावत प्रदेश के सबसे बड़े नेता है और वो किसी भी जिले में जाते है तो उनको एस्कॉर्ट नही मिली है। ऐसे में अगर हरीश रावत को एस्कॉर्ट मिली होती तो शायद उधमसिंह नगर में उनकी गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त नही होती, जिसमे वो मरते मरते बचे है।

ऐसे में एक बड़ा सवाल यही है कि जब पूर्व मुख्यमंत्री को एस्कॉर्ट दे रहे है तो हरीश रावत को क्यों नहीं दे रहे है। साथ ही कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को वाई श्रेणी की सुरक्षा के साथ ही एस्कॉर्ट दे रखी है जबकि विपक्ष के वो नेता जो तमाम लोगो के खिलाफ बयान देते है उनको सुरक्षा की जरूरत है लेकिन उनको सरकार कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करा रही है जोकि दुर्भाग्य पूर्ण है। साथ ही कहा कि जिसतरह से एलआईयू, उनके प्रेसवार्ता के दौरान आकर सभी बातों को रिकॉर्ड करना और कागजों की फोटो खींचने से लगता है कि सरकार उनके हत्या की साजिश भी रच सकती है। लिहाजा उन्हें गंभीर खतरा दिखाई दे रहा है। ऐसे में उन्हें कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। क्योंकि उनको लगता है कि सरकार के इरादे कुछ ठीक नहीं है।

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