मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

अमित पासवान के लिए भगवान बन कर आया हेल्पिंग हैंड: अनुपम खत्री

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देहरादून के अमित पासवान के लिए हेल्पिंग हैंड एनजीओ भगवान बनकर आया है। दरअसल हम यह बात इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अमित पासवान को कैंसर हो गया था जिससे वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। मां-बाप की आर्थिक तंगी वजह बनी तो हेल्पिंग हैंड ने लोगों से पैसा इकट्ठा कर अमित का इलाज ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में करवाया। अमित के मां-बाप बताते हैं कि हेल्पिंग हैंड एनजीओ अगर मदद नहीं करता तो उनके बच्चे का इलाज होना असंभव सा हो गया था। उन्होंने कहा कि उनके बच्चे को बचाने में हेल्पिंग हैंड का योगदान तो है ही लेकिन उनके लिए वह भगवान बन कर भी साबित हुए हैं।

एनजीओ के अध्यक्ष गीता साहनी व उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने AIIMS की डायरेक्टर मीनू सिंह से बात कर अमित का इलाज करवाया। हेल्पिंग हैंड की देहरादून अध्यक्ष गीता साहनी ने बताया की इस नेक कार्य के लिए उनको AIIMS ऋषिकेश में कार्यरत डायरेक्ट मीनू सिंह, प्रफुल्ल, अनमोल पंडित का पूरा सहयोग मिला।

 

वहीं एनजीओ के कई लोगों ने अमित का हाल-चाल घर पर जाकर पूछा। इस दौरान अमित के पिता टुनटुन पासवान व मां पार्वती पासवान ने बताया की अब उनका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि यदि आप लोग आगे नहीं आते तो उनके बच्चे का बचना मुश्किल हो गया था। घर पर पहुंचे अनुपम खत्री ने अमित के मां-बाप से कहा कि यदि आगे भी उनको कोई दिक्कत परेशानी सामने आती है तो वह कभी भी उनको फोन करके मदद ले सकते हैं। अनुपम खत्री ने भरोसा दिया कि शिक्षा से संबंधित कोई दिक्कत यदि हो तो वह शासन स्तर पर इस को लेकर बातचीत करेंगे। साथ ही एनजीओ के सदस्यों को भी बधाई दी है।

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