- Likes
- Followers
- Subscribers
- Followers
- Subscribers
- Followers
- Followers
- Members
- Followers
- Members
- Followers
- Subscribers
- Posts
- Comments
- Members
- Subscribe
डिजिटल डेस्क : हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है की रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के आंसुओ के प्रथ्वी पर गिरने से हुई है रुद्राक्ष को शंकर भगवान का प्रतीक भी माना जाता है रुद्राक्ष कई प्रकार के होते है रुद्राक्ष को कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है किन्तु इसे धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से नियमो का पालन करना होता है अगर इन नियमो के पालन में कोई त्रुटी या चूक हो जाती है तो इसका गलत प्रभाव भी धारण करने वाले व्यक्ति पर पड़ सकता है.
रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन सुख सम्रद्धि का उद्भव होता है तथा उसके जीवन के सारी दुःख बाधाये दूर हो जाती है रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ नियम है जिनके अनुसार रुद्राक्ष धारण करना उचित होता है और रुद्राक्ष धारण के पश्चात् भी बहुत से नियमो का पालन करना होता है और यदि आप इन नियमो का पालन नहीं करते है तो आइये आपको बताते है इन नियमो के विषय में की ये कोन से नियम है जिनका पालन करना जरुरी है.
- रुद्राक्ष को धारण करने से पहले पीतल के बर्तन में 108 बील पत्र पर ॐ नम: शिवाय लिखकर उस बर्तन को रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर स्वच्छ होने के पश्चात् रुद्राक्ष को धारण करे.
- आपको रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् तामसिक भोजन जेसे अंडा,मांस,मदिरा,प्याज,लहसुन आदि सभी चीजो का त्याग करना होता है.
- रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व उसे शिव स्पर्श करना आवयश्क है.
- रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात व्यक्ति को हमेशा सत्य बोलना चाहिए और किसीको अपशब्द नहीं कहना चाहिए.