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भाजपा नेतृत्व ने निकाय आरक्षण पर सामने आ रही आपत्तियों को शहरी विकास विभाग में उठाने का सुझाव दिया है। वहीं स्पष्ट किया कि समस्याओं को उचित पार्टी फोरम से बाहर उठाने को अनुशासनहीनता मानकर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की है। अब चूंकि लोकतंत्र में सभी लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है, लिहाजा किसी को भी इस संबंध में कोई आपत्ति है तो उसके लिए भी व्यवस्था की गई है। वे सभी अपनी आपत्ति या सुझाव को राज्य शहरी आवास विभाग में निर्धारित प्रक्रिया के तहत दर्ज करा सकते हैं। पूर्णतया विचार विमर्श के बाद उन सभी पर सर्वोचित निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बनने या अनावश्यक भ्रम फैलाने के मकसद से की जा रही बयानबाजियां, किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराई जा सकती हैं।
उन्होंने पार्टी के संबंध में भी स्पष्ट ताकीद करते हुए कहा कि जिन तमाम लोगों को सरकार द्वारा निर्धारित निकाय आरक्षण को लेकर दिक्कतें हैं तो वह भी इस संबंध में तय प्रक्रिया का ही अनुपालन करें। वहीं पार्टी के अंदर भी वह प्रदेश पदाधिकारी जिन्हें निकाय चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है, से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। लेकिन पार्टी फोरम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम से अपनी बात सार्वजनिक करने को अनुशासनहीनता के दायरे में माना जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे सभी लोगों पर पार्टी की तरफ से सख्त कार्यवाही की जाएगी।