मुख्यमंत्री ने दी आपदा राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिवृष्टि एवं अन्य दैवीय आपदा के समय तत्काल राहत कार्यों हेतु पिथौरागढ़ में दो माह के लिये हैलीकॉप्टर तैनाती की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यकता न हो तब हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में किया जाए।परंतु ऐसा तभी किया जाए जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत कार्यों में जरूरत नहीं हो।

आपदा में प्रयुक्त घंटों के अतिरिक्त घंटों में हैलीकॉप्टर का उपयोग रियायती दरों पर भुगतान के आधार पर जन सामान्य हेतु वैकल्पिक यातायात के रूप में करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रतिव्यक्ति निर्धारित रूपये तीन हजार की किराये की दर को मंजूरी प्रदान की है। इस हैलीकॉप्टर को निर्धारित शर्तों के अधीन दो माह के लिये पिथौरागढ़ में तैनात किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

 

Rudrapur ।। सरकारी विद्यालयों के बच्चों के हाथों में दी गई पुस्तकें

0 15

रुद्रपुर। अभी तक सरकारी स्कूलों के बच्चे नए सत्र में पढ़ाई के लिए पाठ्य पुस्तकों और ड्रेस का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में शिक्षा विभाग ने बेहतर ढंग से पढ़ाई संचालित कराने के लिए पाठ्य पुस्तकों की सामग्री वितरित की गई है। कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक के बच्चों को यह पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं।

80 हजार के करीब कक्षा एक से पांच और 44 हजार के करीब पुस्तकें कक्षा छह से आठ में पढ़ने वाले बच्चों को मिली हैं। पुस्तकें आने के बाद अब कक्षाएं शुरू हो सकेंगी। जिले में मौजूदा समय में 782 प्राइमरी और 202 जूनियर विद्यालय हैं।

इन विद्यालयों में बच्चों को वित्तीय वर्ष में पढ़ाई के लिए संसाधन उपलब्ध कराने शुरू कर दिए गए हैं। वित्तीय वर्ष में सबसे पहले बच्चों के लिए सबसे उपयोगी किताबों को उन तक पहुंचा दिया गया है। बीआरसी में यह पुस्तकें रखी गई थीं, यहां से सभी विद्यालयों तक वितरित करा दी गई है। कक्षा एक से पांच तक के लिए 80 हजार 252 पुस्तकों का वितरण कराया गया है। जबकि छह से आठ तक की कक्षाओं के लिए 44 हजार 252 पुस्तकों का वितरण किया गया है।

पुस्तकों के वितरण के बाद शुक्रवार से पढ़ाई शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पढ़ाई के लिए सबसे जरूरी बच्चों की पाठ्य पुस्तकें थी, जिनको बच्चों को उपलब्ध करा दिया गया है। इसके बाद सभी बच्चों को ड्रेस और जूते-मोजे भी वितरित करा दिए जाएंगे।

बताया कि इस बार बच्चों की पढ़ाई से कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। सभी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

RNS/DHNN

Leave A Reply

Your email address will not be published.